E-Paperhttps://bharatsamvadtv.live/wp-content/uploads/2024/01/jjujuu.gifUncategorized

मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज का हुआ भव्य मंगल प्रवेश

रिपोर्ट सुधीर बैसवार 

सनावद/– निमाड़ के ग्राम पिपलगोन में जन्में अंतर्मुखी पूज्य मुनि श्री 108 पूज्य सागर जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश आज 18 मार्च मंगलवार को प्रातः8 बजे  नगर में ओंकारेश्वर रोड रेल्वे गेट से हुआ।

समाज प्रवक्ता सन्मति जैन काका ने बताया की आप के मंगल आगमन को लेकर सभी समाजजन बड़े हर्षोल्लास से लालायित थे आपके स्वागत में सभी समाजजनो ने रेल्वे गेट से आप की अगवानी की वर्धमान सागर बहु मंडल की महिलाओं ने गेट पर पहुंच कर सिर पर कलश रख मुनि श्री के प्रतिक्षणा कर अगवानी की ।नगर में घरों  के सामने रांगोली बना कर पर मुनि श्री के पाद प्रक्षालन एवं आरती कर पुण्य संचय किया । जुलुश नगर के मुख्य मार्गो से होकर सभी जैन मंदिर होते हुवे श्री दिंगबर जैन पार्श्वनाथ  बड़ा जैन मंदिर पहुंचा जहा जुलुश समाप्त होकर आचार्य शांति सागर वर्धमानसागर देशना सन्त निलय  में सभा के रूप में परिवर्तित हुआ । जहां सभा का शुभारंभ भगवान महावीर स्वामी के चित्र के समकक्ष सोमचंद जी जैन पिपलगोंन, भारतेश्वर जैन पीपलगोन,दीपक जैन पीपलगोन, पवन कुमार जैन , प्रमोद कुमार जैन बड़वाह एवं कमलेश कुमार डोंगरे एवं मुकेश जैन सनावद के द्वारा दीप प्रज्वलित कर के किया गया। तत्पश्चात प्रदीप कुमार पंचोलिया के द्वारा मंगलाचरण किया गया एवं आराध्या , लक्षित, ओमांश,एवं युवान के द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया। अगली कड़ी में मुनि श्री के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य पवन कुमार गोधा परिवार सनावद को प्राप्त हुआ एवं शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य सुनील कुमार जैन डीपीएस परिवार सनावद को प्राप्त हुआ।

इसी क्रम में पूर्व जिला शशिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार डोंगरे ने कहा की जिस छोटे बच्चे बालक चक्रेश को मेने बचपन में शिक्षा दी वो आज जैन समाज के सर्वोच्च पद पर आसीन होकर जैनधर्म की पताका को फहरा रहे हे। यह क्षण मेरे जीवन के यादगार पल रहेंगे। इनके माता पिता धन्य हे जिन्होंने इस जैन समाज के लिए गौरांवित करने वाले बच्चे को जन्म दिया ।

इसी क्रम में मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज ने अपनी ओजस्वी वाणी का रसपान करवाते हुवे कहा  की प्राणी मात्र का भाव बना हुआ हे। जिस दिन जीवन से मेत्री का भाव जीवन से निकल जाए उस दिन सुख का जाने का भाव भी रास्ता निकल जाएगा इस संसार में हमारे पास कुछ रखने की वस्तु हे तो मैत्री का भाव ही हे। क्योंकि जो परिस्थिति हमारे बीच बनी हुई है की हम आपस में एक दूसरे के प्रति मैत्री का भाव हमारा नहीं हे और जब मैत्री का भाव परस्पर नही होता हे तो निश्चित रूप से विध्वंस होता हे।  ओर जब विध्वंस होता है तब सबसे ज्यादा नुकसान संस्कार, संस्कृति ओर इतिहास का होता है।  इस लिए हमें सब से पहले हमारे जीवन में मैत्री के भाव बनाए रखना बहुत ही आवश्यक हे।

कार्यक्रम पश्चात मुनिश्री की आहार चर्या करवाने का सौभाग्य श्रीमती किरण बाई लश्करे परिवार को। प्राप्त हुआ। 

इस क्रम में शाम को मुनि श्री की सानिध्य में गुरु भक्ति आरती एवं आनंद की यात्रा सम्पन्न हुई।इस अवसर पर सभी समाजजन उपस्थित रहे।

Sudhir Baiswar

सुधीर बैसवार भारत संवाद न्यूज़ के सनावद तहसील के संवाददाता हैं. सुधीर बैसवार वर्तमान में भारत संवाद न्यूज़ ग्रुप के टीवी,वेब सहित भारत संवाद न्यूज़ समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए योगदान दे रहे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!