
भक्ति का सिंगाजी न घणा रस्ता बताया, खेती खेड़ो हरि नाम की ई संदेशा गाया – पारस बिर्ला
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग साहित्य परिषद द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। श्री रेवा गुर्जर धर्मशाला में संत श्री सिंगाजी की स्मृति में आयोजन हुआ जिसमें देश के जाने माने कवियों ने रचनापाठ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्म श्री जगदीश जोशीला जी थे जिन्होंने हिंदी और निमाड़ी भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। श्री जोशीला ने सनावद को साहित्यिक और सांस्कृतिक नगरी बताते हुए देश में हिंदी और निमाड़ क्षेत्र में निमाड़ी भाषा को सहेजने और इसका व्यापक प्रचार प्रसार कर इन भाषाओं का गौरव बढ़ाने के किए देश व क्षेत्र वासियों से आह्वान किया। कवि सम्मेलन के प्रारंभ में सु श्री शीतल सिंह राघव ने संत सिंगाजी पर व्याख्यान देते हुए उनकी महिमा का वर्णन किया। उभरते युवा कवि व गीतकार पारस बिर्ला बडूद ने निमाड़ी व हिंदी में संत सिंगाजी,संत सियाराम बाबा के भजन व कविताएं गाकर तालियाँ बटोरी। कवि डॉ रमेश शर्मा धुंआधार बुरहानपुर,अतुल व्यास ज्वाला देवास व असीम शुक्ला रीवा ने अपने हास्य व्यंगों से सबको गुदगुदाया। कवियत्री तृप्ति मिश्रा महू,आरती गोस्वामी देवास,मुस्कान राज इंदौर और रिया मोरे इंदौर ने अपनी कविताओं से शमां बाँधा। प्रसिद्ध मंच संचालक कृष्पालसिंह ने कवि सम्मेलन का शानदार संचालन करते हुए अपनी कविताओं व व्यंगों के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश दिया।आयोजन में मातृभाषा उन्नयन संस्थान की ओर से अर्पण जैन इंदौर ने पद्मश्री जगदीश जोशीला,विधायक सचिन बिर्ला,नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि इन्दर बिर्ला, समाजसेजी अनिल चौधरी, डॉक्टर कमलेश चौधरी का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनिल चौधरी ने किया व आभार अर्पण जैन ने माना। इस अवसर सनावद सहित आसपास के क्षेत्र से सैकड़ों श्रोता उपस्थित थे।