
विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में 13 एवं 14 फरवरी, को हिस्टेरोस्कोपी एवं लैप्रोस्कोपी का दो दिवसीय लाइव ऑपरेटिव प्रदर्शन एवं शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज द्वारा दीप प्रज्ज्वलन द्वारा गणमान्य अतिथियों, चिकित्सकों एवं प्रशिक्षुओं की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर स्वामी मुक्तिनाथानन्द महाराज ने शिक्षकों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और जो भी छात्र/छात्रायें कुछ सीखना चाहता है, उसे शिक्षक के प्रति समर्पित होना चाहिए और उनमें उस विषय के प्रति समर्पण की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने के लिए मुख्य अतिथि डॉ. प्रीति कुमार को धन्यवाद दिया और कहा कि उम्मीद है कि भविष्य में भी वे यहां आयोजित होने वाली कार्यशाला में भाग लेती रहेंगी।
एफओजीएसआई एवं आईएजीई संस्था ईगल-ईच एस्पायरिंग गायनेकोलॉजिस्ट लर्न्स एंडोस्कोपी नाम से संचालित एक संस्था है, जिसका उद्देश्य पीजी के छात्रों और उनके संकाय को एंडोस्कोपी के बारे में अनुभव एवं प्रशिक्षण के माध्यम से संवेदनशील बनाना है, ताकि वे एंडोस्कोपी में अपने भविष्य के प्रशिक्षण और कैरियर को समझ सकें। यह कार्यक्रम एफओजीएसआई की अध्यक्ष सुनीता तंदुलवाडीकर के नेतृत्व और आईएजीई के अध्यक्ष डॉ. अतुल गणात्रा के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। यह परियोजना सभी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित की जा रही है।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के लगभग 20 पीजी प्रशिक्षुओं ने भाग लिया और एंडोस्कोपी की बुनियादी अवधारणाओं को सीखा। इस परियोजना का समन्वय डॉ. सोनू सिंह (परियोजना समन्वयक और विभागाध्यक्ष), डॉ. रितु सक्सेना, डॉ. नीलम और डॉ. सोनिका गौर ने किया।
इस अवसर पर एलओसीएस की अध्यक्ष डॉ. प्रीति कुमार की उपस्थिति रही, जो कार्यशाला की मुख्य अतिथि थीं।
इस ऑपरेटिव कार्यशाला में सभी पीजी प्रशिक्षुओं और प्रतिनिधियों को लगभग 5 विभिन्न प्रकार की हिस्टेरोस्कोपिक और लैप्रोस्कोपिक प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया गया।