
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम राहत
दिव्यांशी नामदेव और गर्व पटेल को प्रवेश पत्र होंगे जारी परिवार में खुशी का माहौल
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद/ जैसा कि सर्व विदित है, विमला कान्र्वेंट हाई स्कूल सनावद समय रहते दसवीं कक्षा में अध्यनरत दो बच्चों के ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म सबमिट नहीं कर सकी। उसकी इस लापरवाही के चलते मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा उनके प्रवेश पत्र जारी नहीं किये जा सके। इस पर अपने बच्चों के शैक्षणिक भविष्य के प्रति चिंतित माता-पिता ने जिला कलेक्टर के पास अपनी गुहार लगाई। उनके द्वारा बोर्ड सचिव से निर्धारित प्रक्रिया में बच्चों के प्रवेश पत्र जारी करने का अनुरोध किया गया। लेकिन परीक्षा नियमों के हवाले से सचिव ने अनुमति पत्र जारी करने से इनकार कर दिया। इस स्थिति में पालकों , द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी. थाना प्रभारी से त्वरित समाधान हेतु निवेदन किया गया । ताकि बच्चों का भविष्य प्रभावित न हो। वही दिनाँक 24.02.2025 को थाना परिसर में दोनों बच्चों के माता-पिता ने पहुंचकर तहसीलदार महोदय, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, एवं थाना प्रभारी, से पुन अनुरोध किया गया जिसमें आपसी मंथन करने के बाद माता-पिता को यह सलाह दी गई कि आप माननीय हाईकोर्ट में जाकर याचिका दर्ज करें। हाई कोर्ट आपके बच्चों की सुनवाई करेगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही हाई कोर्ट खंडपीठ इंदौर के माननीय न्यायाधीश सुबोध अभ्यंकर जी द्वारा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भोपाल को यह आदेश जारी किया गया कि फॉर्म सबमिट करने में माता-पिता की कोई गलती नहीं है संपूर्ण गलती स्कूल से हुई है जिसके चलते इन बच्चों का एक वर्ष बर्बाद हो सकता है कोर्ट ने आदेश में य़ह भी लिखा है की ऑनलाइन फॉर्म अब बंद हो चुके हैं इसलिए भौतिक मोड़ के जरिए इन बच्चों का फार्म जमा किया जाए और इन्हें तत्काल प्रवेश पत्र जारी किया जाए जिससे कि यह बच्चे 27 मार्च 2025 से प्रारंभ होने वाली 10वीं बोर्ड की परीक्षा में बैठ सके।
*अब सवाल य़ह उठता है कि य़ह सब बच्चों के माता-पिता की बदोलत ही सम्भव क्यु हुआ क्या य़ह समस्त दस्तावेज लेकर स्कुल प्रबंधन हाईकोर्ट नहीं जा सकता था या फिर जाना नहीं चाहता था या फिर इन बच्चों को परीक्षा से दूर रखना चाहता था जो भी हो कहीं ना कहीं शक की सुई स्कुल प्रबंधन पर घूमती हुई स्पष्ठ दिखाई दे रही है*