
*अधिनियम की धज्जियां उड़ाई:आरटीआई कार्यकर्ता को सचिव जानकारी नहीं देकर कर रहे हैं गुमराह*
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वाह फोन कॉल रिसीव नहीं करते हैं
सनावद/सूचना का अधिकार अधिनियम अक्टूबर 2005 को लागू किया गया था। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा हथियार माना जाता रहा है। इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकता है। लेकिन ग्राम पंचायत रूपखेड़ा के सरपंच सचिव के द्वारा इस अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
गौरतलब है कि आरटीआई जानकारी तहत आवेदक द्वारा ग्राम पंचायत रूपखेड़ा मे वित्तीय वर्ष 2022 से 29 नवंबर 2024 तक जलकर से प्राप्त राशि,जल प्रदाय पर खर्च की गई राशि,संपत्ति कर से प्राप्त राशि,और पूर्व सरपंच के द्वारा ग्राम पंचायत को पंचायत खाते मे सौपी गई बचत राशि और उसे किस मद मे खर्च की गई उसके प्रमाणित विवरण के दस्तावेज चाहे गए थे । जिस पर ग्राम पंचायत रूपखेड़ा के सचिव कमल पटेल ने जारी पत्र से अवगत कराया कि वर्ष 2022-23 और 2023-24 के जानकारी संबधित दस्तावेज पूर्व सचिव के पास है और वह दस्तावेजों का आडिट करवाने हेतु जनपद कार्यालय बड़वाह लेकर गये हैं और जैसे ही उक्त वर्ष की आडिट रिपोर्ट हो जाती हैं वैसे ही आपको जानकारी उपलब्ध करा दिया जाना बताया गया । ऐसे में सवाल है कि वित्तीय वर्ष 2022 से 2024 तक के संपूर्ण दस्तावेज पूर्व सचिव महोदय के पास है तो वर्तमान सचिव कमल पटेल पंचायत मे बैठकर कोन से दस्तावेजो पर पंचायत का कार्य अंकित कर रहे हैं मतलब स्पष्ट है पंचायत सचिव चाही गई जानकारी ना देकर जानकारी से भटकाने का कार्य कर रहे हैं मामला अपील अधिकारी के पास जाने की ओर अग्रसर है।
समाचार प्रकाशन से पूर्व जब हमारे संवाददाता ने सच का पता लगाने के लिये रूपखेड़ा पंचायत के पूर्व सचिव को कई बार फोन लगाया गया किन्तु उन्होंने फोन काल रिसीव करना तक उचित नहीं समझा।
इसी संबंध मे जब मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बड़वाह से फोन पर चर्चा करनी चाही तो उन्होंने भी फोन काल रिसीव नहीं किया। मतलब साफ है कि जनपद पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक जानकारी मांगने पर गुमराह किया जा रहा है या यूं भी कह सकते हैं कि जानकारी को छुपाने का कार्य किया जा रहा है