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क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान में हितधारकों के लिए कार्यशाला आयोजित

लखनऊ . संवाददाता अमित चावला

क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने मुख्य अतिथि आयुर्वेद निदेशालय के प्रभारी अधिकारी डॉक्टर महेंद्र विक्रम सिंह की उपस्थिति में एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “सुरक्षा और जागरूकता कार्यक्रम, आयुर्वेदिक दवाओं के लिए फार्माकोविजिलेंस पर एक संवेदीकरण कार्यशाला” का आयोजन किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि इस तरह का संवेदीकरण कार्यक्रम आयुर्वेद हितधारकों के लिए जरूरी है और इससे डॉक्टरों ,रोगियों और अंततः आयुर्वेद को लाभ होगा।

प्रभारी सहायक निदेशक डॉक्टर संजय कुमार सिंह ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे मे बताया कि उत्तर प्रदेश भर में पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सकों को फार्माकोविजिलेंस के बारे में संवेदनशील बनाना है और यह तभी सम्भव है जब आधिकाधिक प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं और भ्रामक विज्ञापनों की रिपोर्ट की जाए।अतिथि वक्ता डॉक्टर मन्दीप जायसवाल, रीडर राजकीय आयुर्वेदिक कालेज बरेली ने इस कार्यक्रम के पीछे की सोच और प्रशासनिक पहलू पर व्याख्यान दिया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनुपम श्रीवास्तव ने आयुर्वेदिक दवाओं के लिए फार्मार्कोविजीलेंस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर अंजलि वी. प्रसाद ने सम्प्रति आयुर्वेदिक चिकित्सा में फार्माकोविजिलेंस द्वारा औषधियों से सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। डॉक्टर श्रीकला वी. ने प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं और भ्रामक विज्ञापनों की रिपोर्ट कैसे करें पर प्रशिक्षित किया।

कार्यक्रम में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली, लखीमपुर खीरी और हरदोई जिले एवं एस. आर. वी. आयुर्वेद महाविद्यालय लखनऊ के लगभग 65 आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने भाग लिया।

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