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हर सनातनी को धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष, के लिए चार पुत्र जरूरी-पं0 बिष्णु देव मिश्रा

संवाददाता विवेक सिनहा
भारत संवाद न्यूज़
वाराणसी उत्तर प्रदेश
वाराणसी। दिनांक 24 दिसंबर, रामलाल सेठ परिवार द्वारा अपने स्व माता-पिता के गया श्राद्ध के उपलक्ष्य में जैतपुरा स्थित मद्धेशिया धर्मशाला के प्रांगण में कथावाचक पंडित विष्णु देव मिश्र के मुखारविंद से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आज समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कथा के आखिर दिवस में व्यासपीठ से कथावाचक पंडित विष्णु देव मिश्रा ने बताया कि भगवान कृष्ण के सैकड़ों पुत्र थे, बड़ा परिवार, अधिक धन समाज में वर्चस्व कायम होता है, इसलिए समस्त सनातनधर्मीयों को कम-से-कम धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के लिए चार संतान तो अवश्य होना चाहिए। इस मौके पर रामलाल सेठ ने बताया कि आज व्यासपीठ की आरती के बाद कथा का समापन होगा। हजारों लोगों के प्रसाद ग्रहण के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य से भइया लाल सेठ, काशीनाथ सेठ, रामलाल, कन्हैयालाल, राजेश सेठ, बल्ली सेठ, रंजीत कुमार, अजीत कुमार, अर्जुन, राजन, विकास, गुड्डू, राजेश, सुनील, रजनीश, दीपक, विवेक कुमार, गोल्डी सेठ, छेदीलाल सेठ, प्रेमा देवी, मीना देवी, रेखा देवी, सीता देवी, सरिता देवी, बेला देवी, सानू सेठ, रामशंकर आदि समस्त सेठ उपस्थित रहे।

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