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समिति सेवक के भ्रष्टाचार जिम्मेदारों की नहीं जा रही नजर

ब्यूरो प्रमुख अपिल कुमार सिंह रोहित

सीधी। समिति सेवक की तानाशाही से बैंक प्रबंधक से लेकर किसान तक परेशान है जिसको लेकर अब बैंक प्रबंधक ने समिति सेवक को प्रभार से हटाने सीईओ को पत्र लिखा है। इतना ही नही समिति सेवक द्वारा मनमानी ढंग से कई कृषकों को बैंक का कर्जदार बना दिया गया है जो आवेदन लेकर दर-दर की ठोकर खा रहे है। लेकिन कृषकों की सुनाने वाला कोई नहीं

कुसमी समिति प्रबंधक द्वारा बताया गया कि समिति कुसमी में पदस्थ समिति सेवक जितेंद्र कुमार गुप्ता दिनांक 04 दिसंबर 2021 को ऋणी कृषक से ढाई लाख रुपए प्राप्त कर बैंक में जमा नही किया गया साथ ही कृषक को रसीद भी नही दी है। इतना ही नही क्रमांक 1678/ 49 दिनांक 31 मार्च 2021 को रसीद रुपए 2 लाख का दिया गया है परंतु ट्रैक्टर कर्ज बसूली की राशि बैंक शाखा में श्री गुप्ता द्वारा नहीं जमा किया गया है। ऋणी कृषक द्वारा शाखा मे राशि जमा हेतु लिखित मे दिया गया है। जो गंभीर अनिमितता के श्रेणी में आता है लेकिन गुप्ता कोई फर्क नहीं पड़ रहा है । कृषक रुपनारायण मौरिया द्वारा बैंक आ कर बताया गया कि मेरे द्वारा केसीसी कर्ज का 50 हजार समिति प्रबन्धक को दिया गया फिर भी मेरा कर्ज खाते में यथावत है वसूली कि राशि समिति प्रबन्धक स्वयं हजम कर गए है। बिक्रेता ऋतुराज सिंह द्वारा लेख कर आवेदन दिया गया है कि उचित मूल्य दुकान रुंदा-भदौरा से श्री गुप्ता अपने निजी बाहन से खाद्यान गेहू 76 बोरी एवं चाबल 260 बोरी उठा लाये है जो आज दिनांक तक वापस नहीं दिये जो खाद्यान मे अनिमितता एवं हेरा फेरी की श्रेणी में आता है। 16 जून 2020 पर पदस्थ तत्कालीन शाखा प्रबन्धक के संलग्न पत्र से सिद्ध होता है कि गुप्ता के ऊपर संस्था का खाद एवं नगदी शिलक बैलेन्स शीट मुताबिक वर्ष 2019-20 कि राशि रुपए 18 लाख 89 हजार 638 रूपये बकाया है जो शाखा में नही जमा कर रहे है। जो कि गवन कि श्रेणी में आता है। इतना ही नही प्रधान मंत्री जन मन योजना अंतर्गत बैगा जन जाति पात्र किसानो का केसीसी तैयार करने हेतु प्रधान कार्यालय का पत्र क्र/ फील्ड/ 2024/1359 सीधी 09 जनवरी 2024 के परिपालन में कार्य करने हेतु पत्र प्राप्त होने के बाद भी श्री गुप्ता द्वारा कार्य नहीं किया जाता है। दूरभाष से संपर्क करने एवं शाखा से पत्राचार करने पर श्री गुप्ता द्वारा शाखा प्रबंधक को धमकियां तक दी जाती है।

खुद का कर्ज नही चुका पाये समिति सेवक

शाखा प्रबंधक द्वारा बताया गया कि कुसमी समिति सेवक जीतेन्द्र गुप्ता के नाम पर वर्ष 2018 में डीएमआर केसीसी 67 हजार मूल बकाया है जो जमा नही करवा पा रहे है तो अन्य कृषकों द्वारा लिया गया कर्ज कैसे जमा करवा पायेगें। शाखा प्रबंधक द्वारा इनकी लापरवाही पर सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित को पत्र लिखकर हटाने की मांग की है।

कुसमी थाने में दर्ज है एफआईआर

दुआरी टोला गांव निवासी मान सिंह पिता चंद्रभान सिंह के द्वारा केसीसी श्रण स्वीकृत करने के लिए आवेदन यूनियन बैंक शाखा कुसमी में दिया गया, जिसके आधार पर तत्कालीन बैंक मैनेजर नवीन कुमार द्वारा चार लाख 47 हजार रुपए का श्रण स्वीकृत उसके बैंक खाते में राशि स्थानांतरित कर दी गई। वहीं किसान से हस्ताक्षर कराके पांच कोरा चेक अपने पास रख लिया गया। किसान के खाते की राशि को लकी ट्रेडर्स संचालक जितेंद्र गुप्ता, ठाडीपाथर गांव निवासी राय सिंह, कतरवार गांव निवासी राजेश कुशवाहा, रौहाल गांव निवासी कालेश्वर प्रजापति के खाते में राशि स्थानांतरित कर दी गई, उधर जब किसान राशि निकालने के लिए बैंक पहुंचा तब उसे पता चला कि उसका खाता खाली हो गया है। तब मामले की शिकायत कुसमी थाना में की गई,पुलिस द्वारा जांच उपरांत आरोपी नवीन कुमार तत्कालीन बैंक मैनेजर कुसमी, संजीव कुमार मरावी तत्कालीन बैंक कर्मचारी, उमेश सिंह बैंक कर्मचारी,जितेंद्र गुप्ता लकी ट्रेडर्स कुसमी, राय सिंह निवासी ठाडीपाथर, राजेश कुशवाहा निवासी कतरवार, कालेश्वर प्रजापति निवासी रौहाल के खिलाफ जालसाजी का अपराध भी पंजीबद्ध किया गया है।

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