
लेब टेक्नीशियनों को बेरोजगारी से बचाने की गुहार
विधायक सचिन बिरला को सौंपा ज्ञापन
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद / प्रदेश में कार्यरत मेडिकल लेब टेक्नीशियनों ने बेरोजगार होने से बचाने की गुहार मप्र शासन से लगाई है। इस तारतम्य में बड़वाह क्षेत्र के मेडिकल लेब टेक्नीशियन के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को विधायक सचिन बिरला से मुलाकात की और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया । ज्ञापन में कहा गया है कि मप्र में कार्यरत प्राइवेट पैथोलॉजी लेब नियमानुसार पंजीकृत हैं और सीएमएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। लेकिन प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय द्वारा 22 अक्टूबर 2024 को जारी आदेशानुसार एक पैथोलॉजिस्ट सिर्फ दो लेब में ही सेवाएं दे सकते हैं। इस कारण प्रदेश के शहरों और ग्रामों में मप्र शासन द्वारा मान्यता प्राप्त डीएमएलटी,बीएमलटी और एमएमएलटी डिग्रीधारी टेक्नीशियनों द्वारा संचालित पैथोलॉजी लेबोरेटरी बंद होने की आशंका उत्पन्न हो गई है। इससे न केवल हजारों मान्यता प्राप्त पैथ लेब टेक्नीशियन बेरोजगार हो जाएंगे अपितु निम्न एवं मध्यमवर्गीय परिवार के मरीजों की साधारण पैथोलॉजी जांच भी बहुत महंगी हो जाएंगी। वर्तमान में लेब टेक्नीशियनों को एमबीबीएस डॉक्टरों के निरीक्षण में जांच करने की अनुमति है। ज्ञापन में मांग की गई है कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार एमबीबीएस डॉक्टरों के निरीक्षण में ही लेब टेक्नीशियनों को जांच करने की अनुमति जारी रखी जाए।
ज्ञापन के अनुसार भारत सरकार ने जांच लेबोरेटियों को तीन भागों बेसिक कंपोजिट लेब,मीडियम लेब और एडवांस लेब में विभक्त किया है। बेसिक कंपोजिस्ट लेब के अंतर्गत 35 प्रकार की जांचें शामिल की गई हैं और इन जांचों की रिपोर्ट देने के लिए डीएमएलटी, बीएमएलटी लेब और एमएमएलटी डिग्री प्राप्त लेब टेक्नीशियनों को अधिकृत किया गया है। ज्ञापन में मांग की है कि भारत सरकार के राजपत्र क्रमांक 327/21/05/2018, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा जारी अधिसूचना को मध्यप्रदेश में लागू कर लेब टेक्नीशियनों को बेसिक लेब संचालन की अनुमति दी जाए। ताकि हजारों लेब टेक्नीशियन बेरोजगार होने से बच सकें।
विधायक ने लेब टेक्नीशियन को आश्वस्त किया कि इस संबंध में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करेंगे और लेब टेक्नीशियन की समस्याओं का समाधान करेंगे।