
इंदौर इच्छापूर मार्ग को जोड़ने वाला नर्मदा नदी पर बना पुल ओवर लोड चल रहे राखड़ के डंपरो के कारण कभी भी ढह सकता है जिम्मेदार मोन कार्यवाही करेगा कौन
एक्सपर्ट इंजीनियरों की चेतावनी भी बेअसर दिखाई दे रही है
रिपोर्ट सुधीर बैसवार
सनावद/ सनावद से बड़वाह, धामनोद और इंदौर को जोड़ने वाले मोरटक्का पुल की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है। इंदौर के इंजीनियर कॉलेज (एसजीएसआईटीएस) के प्रोफेसर चेतावनी दे चुके हैं कि 70 साल की उम्र पार कर चुका पुल कमजोर हो चुका है। भारी वाहनों के निकलने से वह टूट सकता है। बावजूद राखड़ के ओवरलोड डंपर इसी पुल से गुजर रहे हैं। गुरुवार को मोरटक्का पुल पर दो घंटे तक जाम लगा रहा है। पुल से गुजरने के दौरान एक ओवरलोड डंपर ने दूसरे ओवरलोड डंपर को ओवरटेक किया। इसी दौरान राखड़ से भरे एक हाईवा डंपर का टायर फट गया, जिससे रास्ते में दोनों तरफ 5-5 किलोमीटर का लंबा जाम लग गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जाम को खुलवाया।
*पुल पर चलाया जाये चेकिंग अभियान*
बता दें कि इस पुल पर 20 टन से ज्यादा वजनी वाहनों को अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन 70 से 80 टन वजनी वाहन एक साथ एक के पीछे एक लाइन में चले आते हैं। वहीं, अन्य ट्रक जो खाद्य सामग्री लेकर जाते हैं, उन्हें प्रतिबंध का हवाला देकर पलटा दिया जाता है। उन पर चालानी कार्रवाई की जाती है। परिवहन विभाग भी इन डंपरों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। किंतु इन ओवर लोडिंग वाहनों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत परिवहन विभाग की कार्रवाई होना चाहिये। जिसके चलते य़ह पुल कुछ और वर्ष तक सलामत रह सकेगा अन्यथा अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव मे ओवर लोड बोझ ढोता य़ह पुल कभी भी ढह सकता है