
सीधी। भ्रष्टाचार से घिरे प्रभारी सहायक यंत्री के कारनामों की पोल अब लगातार खुल कर सामने आ रही है जिसको संज्ञान में लेते हुए सीईओ जिला पंचायत अंशुमन राज ने प्रभारी सहायक यंत्री एके द्विवेदी को नोटिस जारी कर जबाव मांगा गया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत मझौली का पत्र क्र 505/जपं/मनरेगा/2024 दिनांक 21 अगस्त 2024 द्वारा जनपद पंचायत मझौली अन्तर्गत ग्राम पंचायत चमरोडोल में स्टापडैम निर्माण पडवारी नदी कछरा एवं ग्राम पंचात बोदारी टोला में पुलिया निर्माण अहिरानबस्ती पश्चिम टोला बोदारीटोला कुल 02 संरचना छतिग्रस्त हुई है जिसकी तकनीकी जॉच करायी जिसमें भारी कमियां पाई गई है। स्टापडैम निर्माण पडवारी नदी कछरा-चमराडोल की जांच अनुसार टीएस क्र 107453 दिनांक 23 मार्च 2021 स्वीकृत राशि रूपये 14.99 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थीए जिसकी जॉच प्रतिवेदन अनुसार उक्त स्टापडैम छतिग्रस्त पाया गया है। कार्य की पूर्णता विगत 1-5 वर्ष पूर्व जारी हो चुकी है एवं स्वीकृति राशि में से 14.995 लाख रूपये व्यय किया गया है। जो कि वसूली योग्य है। वहीं पुलिया निर्माण अहिरान बस्ती पश्चिम टोला बोदारीटोला कार्य की जाँच करायी गई जॉच के दौरान कार्य का टीएस क्रमांक 290372 दिनांक 08.06.2021 लागत राशि रूपये 9.55 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति ग्राम पंचायत के द्वारा जारी की गई थी कार्य के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पुलिया का अवटमेंट पलट गया है एवं विगवाल टूट गई है। स्थल पर पुलिया छतिग्रस्त होने के कारण पुलिया की नीव खुदाई कम होना पाया गया, जिस कारण पुलिया छतिग्रस्त हुई है एवं स्वीकृति राशि में से 9.55 लाख व्यय किया गया है। जो कि वसूली योग्य है। आपका यह कृत्य कर्तव्य के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं उदासीनता का द्योतक है। जो मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल होने से दण्डनीय है। अत: आपको निर्देशित किया जाता है कि 21 नवंबर को 03 बजे अधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रतिवाद उत्तर साक्ष्य सहित प्रस्तुत करें। जबाव समयावधि में एवं समाधान कारक न पाये जाने की स्थिति में आपके विरूद्ध मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण) नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी।