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बाल विवाह रोकने हेतु चलाया जा रहा जनजागरूकता का अभियान

भारत संवाद न्यूज से- दिनेश यादव

मंडला- आपको बता दें की- जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती शालिनी तिवारी के निर्देशन में वन स्टॉप सेंटर (सखी) के द्वारा बाल विवाह रोकने हेतु प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिसके तहत वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों के द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम अंतर्गत बाल विवाह से जुड़ी सामाजिक कुरीतियों और उनके उम्र के पहले विवाह के दुष्परिणामों के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार 21 वर्ष कम आयु का लड़का और 18 वर्ष से कम आयु की लड़की का विवाह बाल विवाह माना जाता है। जिसमें जेल एवं आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही की जाती है। इस प्रकार अधिनियम के तहत दोषी पाये जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति जो विवाह समारोह में शामिल होते हैं या सहयोग करते हैं, सभी के लिये उचित दण्ड का प्रावधान है। जिसमें माता-पिता के अलावा पुजारी, मौलवी, रिश्तेदारों, बिचौलिये, केटरिंग, टेंट, नाई, ब्यूटी पार्लर, विवाह आयोजक, बैंड, प्रिंटिंग प्रेस वाले भी शामिल हो सकते हैं। आयोजित कार्यक्रम में बाल विवाह में पकड़े जाने पर होने वाली सजाओं के प्रावधानों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उक्त अभियान में वन स्टॉप सेंटर एवं हब में दी जाने वाली सहायताओं के बारे में भी बताया गया। अभियान अंतर्गत वन स्टॉप सेंटर के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

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