*सेरेब्रल पाल्सी रोग में फिजियोथेरेपी चिकित्सा कारगर: डॉ.हिमांशु भगोरे*
*विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस पर विशेष*
सनावद/विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस 6 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्तमान में पूरी दुनिया में सेरेब्रल पाल्सी से 17 मिलियन लोग पीड़ित हैं।
यह जानकारी दी गई फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. हिमांशू भगोरे ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी रोग से सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे ही होते हैं। बच्चों को जीवन भर इस बीमारी के साथ जीवन का आरंभ करना है। क्योंकि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।
डॉ. भगोरे ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी दिवस पर ‘चेंज माई वर्ल्ड इन वन मिनट’ नाम से ‘छोटे से एक अभियान’ के साथ शुरुआत हुई। जिसकी शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में सेरेब्रल पाल्सी एलायंस ऑर्गनाइजेशन की ओर से हुई थी। सेरेब्रल पाल्सी एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है। जिसमें मस्तिष्क और मसालों के बीच मसाला ठीक से नहीं हो पाता। इस करने वाले मरीजों को प्लांट के ऑपरेशन में बड़ी परेशानी होती है। इस बीमारी के लक्षण बचपन से ही सामने आते हैं। इस बीमारी में बच्चे की बोलने की क्षमता में देरी होती है और क्रिटिकल, चबाने या खाने में परेशानी, लार टपकना या अवसाद में परेशानी जैसी समस्याएं होती हैं।
डॉ. भगोरे ने बताया कि
सेरेब्रल पाल्सी रोग को नियंत्रित करने में फिजियोथायरेपी रोग होता है। फिजियोलॉजी से बच्चे को मशीनें, धीमी गति से चलाना,
सीट-उठने और शारीरिक संतुलन बनाने में मदद मिलती है। फिजियोप्लास्टी चिकित्सा के माध्यम से पहले प्लास्टिक तकनीशियनों से प्लास्टर को लचीले ढंग से बनाने का काम किया जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे हीरा-आदिवासियों के मठ को आगे बढ़ाया जाता है।