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महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर मध्यप्रदेश एवं राजस्थान सरकार भी गोमाता को राज्यमाता घोषित करें-स्वामी गोपालानंद सरस्वती

सुसनेर/ईश्वर राठोर की रिपोर्ट मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 175 वे दिवस के अवसर पर श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि ने दुःख प्रगट करते हुए बताया कि कुछ पाखंडियों ने श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी पर मालवा क्षेत्र सहित मध्यप्रदेश के बहुत से क्षेत्र में पशुबलि देने का प्रचलन प्रारम्भ करवाकर भोले भाले सनातनियों को नरक का रास्ता दिखाया है और इस बार श्राद्ध चतुर्दशी मंगलवार को होने के कारण पाखंडियों ने चतुर्दशी आज सोमवार को ही मनाली है और पित्रों के श्राद्ध के नाम पर आज हजारों निहिर पशुओं को मारकर उनकी बलि देकर पशु भक्षी उनकी हड्डियों को चाटेंगे और उनके कृत्यों से आज उनके पितृ आंशू बहा रहें होंगे । अपने इस कृत्य से स्वयं ने तो अपने नरक का रास्ता बना लिया है साथ ही अपने पित्रों को दुःख भी पहुंचा रहें है ।

श्राद्ध में कौन कौन से ब्राह्मण को नहीं बुलाना चाहिए उसके बारे में भीष्म युद्धिष्टर को बता रहें है कि जिस ब्राह्मण ने उच्च शिक्षा प्राप्त करके भी उसके जीवन में गोसेवा नहीं है तो उस ब्राह्मण का तमोगुण बढ़ेगा और तमोगुण से क्रोध एवं अहम बढ़ेगा यानि जो ब्राह्मण गोमाता की सेवा नही करता वह ब्राह्मण धर्मशंकर बन जाता है साथ ही ब्राह्मण कुल में पैदा होकर अकरणीय एवं निषेध कार्य एवं व्यवसाय करने वाले ब्राह्मण को भी श्राद्ध में नहीं बुलाने के लिए हमारे शास्त्रों में उल्लेख है, क्योंकि इस प्रकार के ब्राह्मणों को बुलाने से पितृ तृप्त होने के बजाय असंतुष्ठ होते है जिसके कारण उसकी संतति को पितृदोष का कष्ट झेलना पड़ता है ।

स्वामीजी ने बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रवृति के लोगों की धरा है लेकिन सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में एक भी गो चिकित्सालय नहीं है , गो चिकित्सालय के अभाव के कारण मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से घायल होने वाले गोवंश को समय पर उचित उपचार नहीं मिल पाता है। महाराज जी ने देशभर के सभी गोपाल परिवार के कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के समापन के बाद गोपाल परिवार मध्यप्रदेश के चारों कोनों पर चार गो चिकित्सालयों का निर्माण 2025 तक पूर्ण करवाएगा ताकि मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से घायल गोवंश का शीघ्र उपचार हो सकें ।

पूज्य स्वामीजी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस एवं अजीत पंवार द्वारा महाराष्ट्र में गोवंश के संरक्षण के लिए उनकी सरकार के माध्यम से गोमाता को राज्यमाता के रूप में मानने की घोषणा का स्वागत किया है और मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में भी महाराष्ट्र की तर्ज पर गोमाता को राज्यमाता के रूप में सम्मान दे एवं साथ ही भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री महोदय से भी मांग की है कि आप भी महाराष्ट्र राज्य से प्रेरणा लेकर गोमाता को राष्टमाता घोषित करें ।

महाराष्ट्र के वाशिम से डीडवानी परिवार की और से स्व. केशरबाई तापीरामजी डीडवानी, की श्राद्ध तिथी पर गो अभयारण में एक वृक्ष लगाया

मांडव ऋषि की तपोभूमि मांडकला से चन्द्र शेखर एवं बृजेश कुमार वैष्णव, छान (टोंक), गजानन्द भावसार अध्यापक भावसार एवं राजसमंद के फरारा महादेव से प्रकाश सिंह आदि अतिथि उपस्थित रहें

175 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से 

एक वर्षीय गोकृपा कथा के 175 वें दिवस पर राजस्थान के टोंक जिले में स्थित श्री गोमाता तीर्थ गौशाला दूनी एवं भगत सिंह गोशाला बंथली से देव लाल जाट अंकित सैनी, भारत राज सैनी एवं मांडव ऋषि की तपोभूमि मांडकला से चन्द्र शेखर एवं बृजेश कुमार वैष्णव, छान (टोंक)और मध्यप्रदेश के आगर जिले की सुसनेर नगर से रामकरण विश्वकर्मा,रघुनाथ विश्वकर्मा के परिवार ने देश, राज्य एवं ग्राम, नगर के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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