E-Paperhttps://bharatsamvadtv.live/wp-content/uploads/2024/01/jjujuu.gif

आर्यिका अनंतमति माताजी ने किए केशलोचन।

सनावद– नगर में चातुर्मासरत गणिनी आर्यिका 105 अनंतमति माताजी ने केशलोचन किया। सन्मति काका ने बताया की चूंकि दिगंबर साधु समस्त परिग्रह से रहित होते है तथा अपने पास केवल एक मयूर पंख से बनी पिच्छी रखते है अतः बालों को हटाने के लिए वे उस्तरा आदि अपने पास नर्ही रख सकते व ना ही इनका प्रयोग कर सकते और चूंकि साधु स्वावलंबी होते है और उनकी चर्या सिंह के समान होती है इस लिए बाल हटाने के लिए किसी का सहारा भी नही लेते। इस लिए वे अपने हाथों से बालों को नोंच कर उखाड़ते है। इस क्रिया को केश लोंच कहते है। वैसे केशलोंच परिषह सहन करने के लिए भी जरूरी होता है। दिगम्बर मुनि महाव्रती होते है और 22 परिषह को सहज ही सहन करते है तथा 28 मूल गुणों का पालन करते है जिसमे हाथों से केशलोंच करना एक आवश्यक क्रिया है। और चूंकि केशलोंच करने से भी अनेक परजीवी छोटे जीवों की विराधना होती है जिसके प्राश्चियत स्वरूप माताजी महाराज जी उस दिन निराहार रह कर उपवास भी रखते हैं। अतः दिगम्बर मुनि अहिंसा की जीवंत छवि होते है जिनसे किसी भी जीव को किसी तरह का कोई भय नही रहता है। मुनि स्वयम भी अभय होते है और दूसरों को भी अभय ही प्रदान करते है। इस शुभ अवशर पर अनेक समाजजन उपस्थित थे।

Sudhir Baiswar

सुधीर बैसवार भारत संवाद न्यूज़ के सनावद तहसील के संवाददाता हैं. सुधीर बैसवार वर्तमान में भारत संवाद न्यूज़ ग्रुप के टीवी,वेब सहित भारत संवाद न्यूज़ समूह के सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए योगदान दे रहे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!